221 हेक पण्डत सेठ ते चोर तिन्हीं हेक्‍के डियो मेल्‍ले ता नरीकार ने तीं नूं भोहें पे बलति पूट्‍ठे भेजणे चे पहले वाच्‍ची इच्छा पूछली।
पण्डत ब़ोड़ला, मन्‍नू ता कुई बडे मन्दर मां भेजत्‍ती छोड़।

211 संता- आज इतना पाला कां छे?
बंता- सुरज ब़हारू कोन्हीं निकड़ला।
संता- कां कोन्हीं निकड़ला।

201 गुरजी- 1869 मां का हुलते ले?
सुरेस- गांधी जमला हुत्‍ता।
गुरजी- बिलकोल्‍ल सई ब़ेसती रहे। पप्‍पू तू बावेड़………1872 मां का हुलते ले?
पप्पू- गुरजी, गांधी तीं साल चा हुत्‍ती गेलता ला।

191 डागदर- दुद्‍धे तीन डांत कींवे भांले।
संता- घराल्‍ली ने आज कुराड़िया रोटिया रांहलिया।
डागदर- खाणे कल्‍ले मना करती डिये।
संता- जीं, ऊं ही ता करले हुत्‍ते।

181 गुरजी- हेक डियो इसड़ा आवी जड्‍डण ये धरती पे पाणी नी रिही ता सारी जनावरे मरती जाये ता सारे कोच्छ खतम हुत्‍ती जायी।
छोर- गुरजी,का ओ डियो वी इस्कूल आवणे पड़ी।

171 हेक दारूबाज आंखिया डिऊं गेल्‍ला। आंखिया काढणे आल्‍ला ब़ोड़ला, कस्‍सा कहणा चहावी का?
दारूबाज- जान्हूं ये आंखिया लावा, ओन्हूं बावड़ती डिजा कि ये आंखिया डोन घोट पीणे चे बाद खुली वी।

161 हेक जुवान ऊन्‍दर कन्‍नू पिरोसान हुत्‍ती कन्‍न, वान्हूं मारणे ची दवाई गिहूं गेल्‍ला।
जुवान- ऊन्‍दर मारणे ची दवाई डिया।
दुकानदार- घरे चल्‍ली जाणी का?
जुवान- कोन्‍हा, ऊन्‍दर इट्‍ठी चल्‍ली आल्‍ला, वान्हूं इट्‍ठी खुलावी।

(151) गुरजी- सोनू, तू काल इस्कूल कां कोन्हीं आल्‍ला हुत्‍ता।
सोनू- गुरजी, में काल खाब मां अमरीका चाहला गेलता ला।
गुरजी- ठीक छे, मोनू, तू इस्कूल कां कोन्हीं आल्‍ला।
मोनू- गुरजी, में सोनू नूं हवायी झाज चे अड्‍डे पे छोड़ू गेलता ला।

(141) ब़ाल- ब़ा नूं अमचा नवां पड़ोसी घणा गरीब छे।
ब़ा- तन्‍नू कींवे पत्‍ता लागला।
ब़ाल- वाच्‍चे छोर हेक्‍के रूपे चा सिक्‍का खाती गेल्‍ले ता ओच्‍ची अय्‍या चा रोती-रोती कन्‍न घणा बुरा हाल हुल्‍ला पल्‍ला।

(131) रमेस- मरे, दुद्‍धे घरे भा लागती गेल्‍ली ता तू इट्‍ठे ब़ेहला ला।
महेस- तू वी अजीब छी यार, चाब़ी ता मां कन्‍नू छे, भा कींवे लाग सगे।

पंचांग

वरणमाला केदा

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