घणी डिये पहले ची बात छे, हेके गांवा मां बाबा रहता। ओ गांवा चे लारे ची बन्दी आपणिया सम्ससिया ते पिरोसानिया चा हल कढ़ावणे कल्ले बाबे कन्नू आती। बाबा वाचिया पिरोसानिया चा हल काढ़ता। हेक डियो हेके जुवान ने बाबे कन्नू पूछले, गुरजी, ए मोल्ख मां खोस्स रहणे चा राज का छे?
हिमकी टिपणी