तरेमासिक पतरिका

नीला गीद्‍दड़

हेके जंगल मां हेक गीद्‍दड़ रहता। ओ हमेसा आपणे यारा ची बुरायी करता। वाचे लारे लड़ता। ओन्हूं आपणी कोम चे गीद्‍दड़ ते कुत्ते पसन्द कोन्हीं हुत्‍ते। ओ आपणे आप नूं हुसियार समझता ते वाचिया बाता नेरा नूं बावड़ती आता।

खोस्‍स रहणे चा राज

घणी डिये पहले ची बात छे, हेके गांवा मां बाबा रहता। ओ गांवा चे लारे ची बन्दी आपणिया सम्ससिया ते पिरोसानिया चा हल कढ़ावणे कल्ले बाबे कन्‍नू आती। बाबा वाचिया पिरोसानिया चा हल काढ़ता। हेक डियो हेके जुवान ने बाबे कन्‍नू पूछले, गुरजी, ए मोल्ख मां खोस्‍स रहणे चा राज का छे?

मुसीबत मां हिम्‍मत नी हारणी चाही छे

हेके किसान कन्‍नू हेक घणे ब़ुड्‍ढ़े गाड़े हुत्‍ते। हेक डियो ओ किसान चे गाड़े खुवा मां ढेती पल्‍ले। उ गाड़े घणी देर जोरा-जोरा चे रिंगते रहले। किसान चोप्‍पचाप सुणता रहला ता विचार करता रहला की ओन्हूं का करणे चाही छे। आखिर मां ओण्हे सोचले की गाड़े ब़ुड्‍ढ़े हुत्‍ती चुकले ता एन्हूं बचावणे चा कुई फेदा कोन्हीं ता ए सांगू एन्हूं खुवा मां पुरती नाखू। किसान ने आपणे सारे पड़ोसिय

आपणी-आपणी सोच

हेक डियो हेक बाबा आपणे चेला लारे नद्‍दी मां झुल्‍ले पलता ला। ओ बेल्हे हेक जुवान उट्‍ठु जाये पलता ला ता ओण्हे बाबे नूं नद्‍दी मां झुलते डेखले ता बाबे कन्‍नू कस्‍सा पूछणे कल्‍ले रूकती गेल्‍ला। ओण्‍हे बाबे कन्‍नू पूछले, बाबा मन्‍नू हेक बात बावेड़, ए गांवा मां रहणे आल्ली बन्दी किसड़ी छी कां की में नवां-नवां इट्‍ठे आल्‍ला ता मन्‍नू ये जगा चे बारे मां कस्‍सा पता कोन्हीं।

मुरख ब़ाकरिया

हेके गांवा लारे हेक नद्‍दी बहती। विच्‍चे पे बणा चा पोल्‍ल बणला पलता ला। ओ पोल्‍ल इतना सोड़ा हुत्‍ता की ओच्‍चे कन्‍नू हेक्‍की बारी मां हेक ही बन्दे निकल सगते। हेक डियो हेक ब़ाकरी वे पोल्‍ल कन्‍नू निकले पलती ली। नेरे पासू हेक नेरी ब़ाकरी वे पोल्‍ल पे आती गेल्‍ली। वे डोनी ब़ाकरिया पोल्‍ल ची बिच्‍ची मां हेके डूजे चे सामणे आती कन्‍न भिलिया रहती गेलिया। हेक ब़ाकरी घुस्‍से म

चलाक सस्‍ये

हेकवारी हेक चीकू नावां चे सस्ये हुत्‍ते। हेक डियो ऊं आपणी घरली लारे बाग मां घुमते फिर्रे ले। ओच्‍ची घरली ने बाग मां बणा पे पकले आल्‍ले मीठे-मीठे फल डेखले ता विच्‍चे मुंहा मूं पाणी आऊं लागती गेल्‍ले। विणे चीकू नूं फल पटती आवणे कल्‍ले कहले। चीकू ब़ोडला हा बाग हेके भेडिये चा छे जक्‍को घणा खतरनाख छे। अगर ओन्हूं पता लागती गेल्‍ला की अम्हीं बाग मूं फल पटले ता ओ अम्हां डू नू

समझदार कूण

हेक राजा खोद्‍द नूं मोल्ख चा सारा मूं समझदार राजा समझता। ओ डेखणा चहावे ला की ओच्‍ची सोच सही छे या गल्त, कां ये मोल्ख मां कुई ओ कन्‍नू समझदार छे या कोन्हीं। हा सोचती कन्‍न ओण्हे आपणे सारे नूं भेल्‍ले करले ता वा कन्‍नू पूछले की माये मन मां का छे !

सम्‍मे हमेसा हेक सिरका ना रिही वी

हा किस्‍सा हेक घणी सोहणी अस्तरी चां छे, विच्‍चे ना परमादेवी हुत्‍ते। वा हेके इस्कूल मां मेडम हुत्‍ती। ओ बेल्हे सारे देस मां छुवाछूत ची बिमारी फेड़ली आल्‍ली हुत्‍ती। परमादेवी इस्कूल मां पढ़ाऊं जत्‍ती मगर इस्कूल मां आल्‍ले ब़ाला नूं हाथ ना लाती। ब़ाला नूं कहती की तम्हीं मां कन्‍नू हेक फोट्‍ट दूर रहले करा। वा वाचिया किताबा नूं वी हाथ ना लाती। इस्कूल चे अलावा विच्‍चे घर म

करे भल्‍ला ता हुवी भल्‍ला

हेक महान राजा हुत्‍ता ओच्‍चे ना रामधन हुत्‍ते। लोका ची सेवा करणा ओच्‍चा धरम हुत्‍ता। ओच्‍ची जनता वी ओन्हूं राम आल्‍ली कन्‍न पुजती। राजा सारा ची बेन्‍न लालच चे सेवा करता। चाहे वा जनता ओच्‍चे देस ची हो या कुई नेरे देस ची। ओच्‍चे ये सुभा चे कारण नेरे देस चे लोक वी ओच्‍ची परसन्सा करते। नेरे देस चा राजा भीमसिंह रामधन कन्‍नू चिड़ता। ओण्हे ओन्हूं हरावणे ची सोचली ता कई डिया च

आलस बन्दे ची सारा मूं बडी दुसमन छे

हेक गुरू हुत्‍ता जक्‍को आपणे चेला लारे घणा पियार करता। आपणे चेला चे गोण ते कमिया चा पता लाती कन्‍न वान्हूं भविसय कल्‍ले तियार करता। ओच्‍चा हेको लक्सय हुत्‍ता की ओच्‍चा हर चेला जिन्दगी मां हिम्‍मती लारे उगते बधो। ओच्‍चे सारे चेला मूं हेक चेला घणा भोला ते सुभा चा सीधा हुत्‍ता मगर ओ घणा आलसी हुत्‍ता। आलसी होणे चे कारण ओच्‍चे कस्‍सा करणे चे मन ना करते। ओ बेन्‍न काम करले

पंचांग

वरणमाला केदा

भासा जागरूकता पोस्टर