तरेमासिक पतरिका

मक्‍कार भेडिया

हेक घणा घाटा जंगल हुत्‍ता। ओच्‍चे मां हेक ताकतवर हाथी रहता। सरीर मां वी घणी जान  हुत्‍ती ते कद मां वी घणा बडा हुत्‍ता। ए सांगू जंगल ची सारी जनावरे ओ कन्‍नू दूर रहती। ओ आपणे आप नूं जंगल चा राजा समझता। ओ कड्‍डी वी काये काम मां दखल ना डित्‍ता ता कान्हूं वी पिरोसान ना करता। बलति वी जंगल ची कई जनावरे ओच्‍चे पे भुंती। जंगल मां रहणे आल्‍ले भेडिया नूं हा बात आच्छी ना लागती। व

चिन्टू ते चीनी

चिन्टू ते चीनी डोन्हीं ब़हेण भावे हुत्‍ती। डोन्हीं जिणी हेके ही इस्कूल मां पढ़ती। ए सांगू हेके डूजे चे लारे आती जत्‍ती। चिन्टू ते चीनी डू चे सुभा अल्ग-अल्‍ग हुत्‍ते। चीनी सीधी साधी हुत्‍ती ते चिन्टू नूं घरे पलिया आलिया चीजा खाणे ची गन्दी आद हुत्‍ती। उ बिसकोट्‍ट, नमकीन ते कुल्फी कस्‍सा वी ना छोड़ते। ओच्‍ची अय्‍या ओन्हूं ये बाते कल्‍ले रोज दड़काती। मगर ओच्‍चे पे कुई वी

नरीकार चे भरोसे

सुरज डुब़णे आल्‍ला हुत्‍ता। उसमान मां बद्‍दल बणले भिलते ले। नेम्‍म चे बणा पे राती चे घणे सारे काग ब़ेहलते ले। काग आपस मां कां-कां करती कन्‍न लड़ी ब़ेहलते ले। ओ बेल्हे उट्‍ठे हेक मेना आल्‍ली ता रात काढ़णे कल्ले नेम्‍म चे हेके लड़े पे आती कन्‍न ब़ेसती रहली। मेना नूं डेखती कन्‍न सारे काग विच्‍चे डुस डेखू लागती गेल्‍ले। ब़ड़ही मेना डरती गेल्‍ली ता ब़ोड़ली,“ अन्धारे हुत्‍त

गन्दी ओढणी

हेके गांवा मां हेक बाबा रहता। हेक डियो ओ आपणे चेला लारे घुमणे कल्‍ले जाये पलता ला। अचानचक हेक जुवान ओच्‍चे लारे आती कन्‍न ओन्हूं गालिया डियू लागती गेल्‍ला। ओण्हे बाबे नूं घणिया गन्दिया गालिया डिलिया पर बाबा बलति वी हंसता रहला। ओण्हे डेखले बाबे पे गालिया चा कुई असर ना हुवी पल्‍ला ते ओ बाबे चे बङे-बुजरग नूं गालिया डियू लागती गेल्‍ला। बाबा बलति वी हंसता रहला ते उगते टुरत

पोण्‍ण आल्‍ली गा

हेक गुवाल हुत्‍ता। ओ कन्‍नू घणिया सारिया गया हुतिया। ओ रोज गया नूं पहाड़ पे चराऊं जत्‍ता। वाचे मूं हेक्‍की गई ना पुनयकोटी हुत्‍ते। जक्‍को आपणे ब़ाला लारे घणा पियार करती। आत्थणा चे वा जल्दी आपणे घरे आती जत्‍ती। ओ पहाड़ा मां हेक सेर वी रहता। हेक वारी सेर नूं घणी डिय्हे कसा खाणे कल्‍ले कोन्हीं लाभले। हेक डियो ओण्हे पुनयकोटी गई नू रोकती कन्‍ने कहले, में तन्‍नू आज खायी। पु

जादू आल्‍ली लाकड़ी

हेक वारी हेक छ्‍वेर नुहली पलती ली। अचानचक विच्‍चे कोट्‍ठे मां बिजली चमकली। छ्‍वेर डर्रा कन्‍नू उठती कन्‍न ब़ेसती रहली। विणे डेखले हेक ब़ुड्‍ढी जंगली लारे हवा मां उडरे भिल्‍ली। छ्‍वेर जंगली लारे गेल्‍ली ते ब़ुड्‍ढी ब़ोड़ली, तू मन्‍नू हेक आच्छी छ्‍वेर लागली। में तन्‍नू हेक चीज डेणा चहावे। हा बात सुणती कन्‍न छ्‍वेर खोस्‍स हुत्‍ती गेल्‍ली। ब़ुड्‍ढी ने छ्‍वेरी नूं हेक लाकड

डोन बान्दर

डोन बान्दर घुमते-घुमते हेके गांवा लारे पुजती गेल्‍ले। वाण्हे उट्‍ठे हेक बण डेखले, जक्‍को फल लारे लडले पलते ले। हेक बान्दर ब़ोड़ला, ए बणा नूं डेख। ए बणा पे कितने आच्छे फल छी। मन्‍नू लागी ये फल घणे मीट्‍ठे छी। चाल अम्हीं ङोन्हीं जीणे यां फला नूं खाऊं। डूजा बान्दर समझदार हुत्‍ता। ओ सोचती कन्‍न ब़ोड़ला, ना खाऊं। हेक वारी सोच ई बण गांवा चे कितनी लारे छे। ए बणा चे फल आच्छे

सच्‍चा चा सुवाद

हेके राजे ने हेके बाबे नूं कहले, मन्‍नू सच्‍चा चे बारे मां बावेड़। एच्‍ची पच्छावें किसड़ी रिही वी। एन्हूं गेहणे चे बाद किसड़े लागे वे। राजे चे सवाल चे जबाब मां बाबे ने राजे नूं कहले, ठीक छे। पहले तू मन्‍नू हेक बात बावेड़। तू कुई इसड़े बन्दे नूं अम्ब चा सुवाद बावेड़ सगी, जाण्हे कड्‍डी अम्ब ना खाले हो। राजा सोच मां पड़ती गेल्‍ला। ओण्हे हर तरह ची तरकीब सोचली पर ओ हा नी ब

लालची चिड़ी

घणे डिय्‍हे पहले ची बात छे। हेक चिड़ी इसड़ी सड़के लारे रहती। जिसी लारे डाणा चे भरीले आल्‍ले टरक लंघते। डाणे इंगे-उगे खिन्डरती पड़ते वा जीं भरती कन्‍न डाणे चुगती। हेक डियो विणे सोचले की मन्‍नू इसड़ी तरकीब लावणे चाही छे की नेरी पक्‍खिये ए रस्ते पे नीं आवणी चाही छे नातण मन्‍नू खाणे कल्‍ले डाणे कम हुत्‍ती जाये। विणे नेरे पक्‍खिया नूं कहले, तम्ही इंगे ना जजा। इंगे जंगली जन

सायणा ते बेकूफ

हेक डियो राजा अकबर ने बीरबल कन्‍नू पूछले, बीरबल तू इतने काले रंग चा किवें हुत्‍ती गेल्‍ला?

पंचांग

वरणमाला केदा

भासा जागरूकता पोस्टर